Hindi
Saturday 27th of April 2024
0
نفر 0

ईरानी हाजियों के दुआए कुमैल पढ़ने से सऊदी अरब भयभीत।

सऊदी अरब के समाचार पत्र ओकाज़ का कहना है कि हज के दौरान ईरानी हाजियों द्वारा सामूहिक रूप से दुआए कुमैल पढ़ना एक ख़तरनाक क़दम है और यह सऊदी अरब की सुरक्षा के लिए एक चुनौती है। इस साल ईरानी मुसलमानों को हज की अदायगी से रोकने के सऊदी अधिकारि
ईरानी हाजियों के दुआए कुमैल पढ़ने से सऊदी अरब भयभीत।

सऊदी अरब के समाचार पत्र ओकाज़ का कहना है कि हज के दौरान ईरानी हाजियों द्वारा सामूहिक रूप से दुआए कुमैल पढ़ना एक ख़तरनाक क़दम है और यह सऊदी अरब की सुरक्षा के लिए एक चुनौती है। 
इस साल ईरानी मुसलमानों को हज की अदायगी से रोकने के सऊदी अधिकारियों के फ़ैसले को सही ठहराते हुए इस समाचार पत्र ने लिखा है कि ईरान के शिया मुसलमानों को हज की अनुमति नहीं देने का एक प्रमुख कारण, सामूहिक रूस से उनका दुआए कुमैल पढ़ना है, जो सऊदी अरब की सुरक्षा के लिए घातक है।
उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक प्रमाणों के मुताबिक़, हज़रत अली (अ) ने अपने एक साथी कुमैल बिन ज़ियाद को एक बहुत ही आध्यात्मिक प्रार्थना सिखायी थी, जो दुआए कुमैल के नाम से प्रसिद्ध हुई।
प्रतिवर्ष हज के दौरान सऊदी अरब में स्थित दूसरे सबसे पवित्र शहर मदीने में अंतिम ईश्वरीय दूत हज़रत मोहम्मद (स) के नाम से मशहूर मस्जिद में शिया मुसलमान विशेषकर ईरानी हाजी सामूहिक रूस से क़ुरान की तिलावत करते हैं और यह दुआ पढ़ते हैं।


source : abna24
0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

दुआए अहद
अर्रहीम 1
तजुर्बे
दुआए कुमैल का वर्णन1
नक़ली खलीफा 3
आसमान वालों के नज़दीक इमाम जाफ़र ...
हदीसे किसा
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ...
हजरत अली (अ.स) का इन्साफ और उनके ...
अरफ़ा, दुआ और इबादत का दिन

 
user comment