Hindi
Friday 26th of April 2024
0
نفر 0

इमाम जाफ़र सादिक़ अ. का जीवन परिचय

इमाम जाफ़र सादिक़ अ. का जीवन परिचय

इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.ह) पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (स.अ) के छठे उत्तराधिकारी और आठवें मासूम हैं आपके वालिद (पिता) इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.) थे.....

इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.ह) पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद (स.अ) के छठे उत्तराधिकारी और आठवें मासूम हैं आपके वालिद (पिता) इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.) थेऔर माँ जनाबे उम्मे फ़रवा बिंतें क़ासिम इब्ने मुहम्मद इब्ने अबू बक्र थीं। आप अल्लाह की तरफ़ से मासूम थे। अल्लामा इब्ने ख़लक़ान लिखते हैं कि आप अहलेबैत (स.अ.) में से थे और आपकी फ़ज़ीलत, बड़ाई और आपकी अनुकम्पा, दया व करम इतना मशहूर है कि उसको बयान करने की ज़रूरत नहीं है।आपकी विलादत (शुभ जन्म)आपकी विलादत 17 रबीउल अव्वल 83 हिजरी तथा 702 ईसवी दिन सोमवार को मदीना-ए-मुनव्वरा मे हुआ आपकी जन्मतिथि को अल्लाह ने बड़ी प्रतिष्ठा दे रक्खी है, हदीसों मे है कि इस दिन में रोज़ा रखना एक साल के रोज़े के बराबर है। इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ.) का कथन है कि यह मेरा बेटा कुछ ख़ास लोगों मे से है जिनके वुजूद से ख़ुदा ने अपने बन्दों पर उपकार किया है और यही मेरे बाद मेरा उत्तराधिकारी होगा।आप का नाम, उपनाम और उपाधियांआप का नाम जाफ़र (अ) आपके उपनाम अब्दुल्लाह, अबू इस्माईल और आपकी उपाधियां सादिक़, साबिर, फ़ाज़िल, ताहिर इत्यादि हैं। अल्लामा मजलिसी लिखते हैं कि, जनाब रसूले ख़ुदा (स) ने अपनी ज़िंदगी मे हज़रत जाफ़र बिन मुहम्मद (अ) को सादिक़ की उपाधि दी थी। उल्मा का बयान है कि जाफ़र नाम की जन्नत मे एक मीठी नहेर है, उसी के नाम पर आपको जाफ़र की उपाधि दी गई है, क्योंकि आपकी अनुकम्पा एक जारी नहर की तरह थी इसी लिए आपको यह उपाधि दी गई।समकालीन राजाआप के जन्म के समय अब्दुल मालिक बिन मरवान समकालीन राजा था, फिर वलीद, सुलैमान, उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल मलिक, हिशाम बिन अब्दुल मलिक, वलीद बिन यज़ीद बिन अब्दुल मलिक, यज़ीदुन नाक़िस, इब्राहीम बिन वलीद और मरवान-अल-हेमार इसी क्रमानुसार खलीफ़ा हुए, मरवान-अल-हेमार के बाद बनी उमय्या की हुकूमत का सूरज डूब गया और बनी अब्बास ने हुकूमत पर क़ब्ज़ा जमा लिया। बनी अब्बास का पहला बादशाह अबुल अब्बास सफ़्फ़ाह और दूसरा मन्सूर दवानि0क़ी हुआ। इसी मन्सूर ने अपनी हुकूमत के दो साल गुज़रने के बाद इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) को ज़हर से शहीद कर दिया।आप के शागिर्द (शिष्य)सभी इसलामी फ़ुक़ीहों के उस्ताद इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) है ख़ास कर इमाम अबू हनीफ़ा, यहिया बिन सईद अन्सारी, इब्ने जुरैह, इमाम मालिक इब्ने अनस, इमाम सुफ़यान सौरी, सुफ़यान बिन ऐनैह, अय्यूब सजिस्तयानी इत्यादि का नाम आप के शिष्यों मे दर्ज है। इदार-ए-मारिफ़ुल क़ुरान के तीसरे हिस्से के पेज 109 पर (प्रकाशित मिस्र) मे है कि आप के शिष्यों मे जाबिर बिन हय्यान सूफ़ी तरसूसी भी हैं। आप के कुछ शिष्यों की महानता और उनकी रचनाओं और इल्मी सेवाओं पर रौशनी डालना तो बहुत ज़्यादा कठिन काम है, इस लिए यहां केवल जाबिर इब्ने हय्यान तरसूसी जो कि बहुत ज़्यादा माहिर और आलिम होने के बाद भी इमाम के शिष्य होने के सम्बन्ध से आम लोगों की नज़रों से छिपे हुए हें। और कुछ दूसरे गुटों के लीडर व इमाम माने जाते हैं। अफ़सोस तो इस बात का है कि वह इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) के शिष्यों को तो इमाम मानते हैं मगर ख़ुद इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) को इमाम क़ुबूल नही करते हैं।..........166

 


source : www.abna.ir
0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

दुआए अहद
अर्रहीम 1
तजुर्बे
दुआए कुमैल का वर्णन1
नक़ली खलीफा 3
आसमान वालों के नज़दीक इमाम जाफ़र ...
हदीसे किसा
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ...
हजरत अली (अ.स) का इन्साफ और उनके ...
अरफ़ा, दुआ और इबादत का दिन

 
user comment