Hindi
Friday 26th of April 2024
0
نفر 0

दुआए कुमैल का वर्णन1

दुआए कुमैल का वर्णन1

पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन

लेखकः आयतुल्लाह अनसारीयान

 

بِسمِ أللہ ألرَّحمٰنِ ألرَّحِیم

أَللَّھُمَّ إِنِّی أَسأَلُکَ بِرَحمَتِکَ أَلَّتِی وَسِعَت کُلَّ شَیئ وَ بِقُوَّتِکَ أَلَّتِی قَھَرتَ بِھَا کُلَّ شَیئ وَ خَضَعَ لَھَا کُلُّ شَیئ وَ ذَلَّ لَھَا کُلُّ شَیئ وَ بِجَبَرُوتِکَ أَلَّتِی غَلَبتَ بِھَا کُلَّ شَیئ وَ بِعِزَّتِکَ ألَّیِی لَا یَقُومُ لَھَا کُلُّ شَیئ وَبِعَظمَتِکَ أَلَّتِی مَلَأَت  کُلَّ شَیئ وَ بِسُلطَانِکَ ألَّذی عَلَی کُلَّ شَیئ وَ بِوَجھِکَ ألبَاقِی بَعدَ فَنَاءِ کُلِّ شَیئ وَ بِأسمَأئکَ ألَّتی مَلَأت (غَلَبَت) أَرکَانَ کُلِّ شَیئ وَ بِعِلمکَ ألَّذی أحَاطَ بِکُلِّ شَیئ وِ بِنُورِ وَجھِکَ ألَّذی أَضَاءَ لَہُ کُلُّ شَیئ یَا نُورُ یَا قُدُّوسُ یَا أوَّلَ الأوَّلِینَ وَ یَا أَخِرَ الأَخِرِینَ

 

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम

अल्लाहुम्मा इन्नि असअलोका बेरहमतेकल्लति वसेअत कुल्ला शैइन वबेक़ुव्वतेकल्लति क़हरता बेहा कुल्ला शैइन वख़ज़आ लहा कुल्लो शैइन वज़ल्ला लहा कुल्लो शैइन वबेजबरूतेकल्लति ग़लबता बेहा कुल्ला शैइन वबेइज़्ज़तेकल्लति ला यक़ूमो लहा शैउन वबेअज़मतेकल्लति मलाअत कुल्ला शैइन वबेसुलतानेकल्लज़ि अला कुल्ला शैइन वबेवजहेकल बाक़ी बादा फ़नाए कुल्ले शैइन वबेअसमाएकल्लति मलाअत (ग़लबत) अरकाना कुल्ले शैइन वबेइल्मेकल्लज़ि अहाता बेकुल्ले शैइन वबेनूरे वजहेकल्लज़ि अज़ाआ लहू कुल्लो शैइन या नूरो या क़ुद्दूसो या अव्वल्ल अव्वालीना वया आख़ेरल आख़ेरीना

उस ईश्वर के नाम से जिसकी कृपा का अनुमान नही तथा दया सदैव है

हे ईश्वर मै तुझ से विनति करता हूँ कि तेरी कृपा ने सभी को घेरे हुए है और तेरी शक्ति का सब पर कहर बरसा हुआ है और तेरे आगे सबने सरो को झुका रखा है तथा सब चीज़े तेरी शक्ति के आगे पराजित है और तेरी शक्ति एवं महानता ने सारी चीज़ो पर ग़लबा कर रखा है तथा तेरी इज़्ज़त के विरुद्ध कोई भी साहस और शक्ति नही रखता है तेरी अजमत और महानता ने सभी वस्तुओ को पूर्ण कर रखा है और सभी चीजो पर हर प्रकार से राजशाही एवं पूर्ण आज्ञाकारिता का अधिकार है और हे ईश्वर तू सब चीजो के विनाश एवं नष्ट होने के पश्चात भी बाक़ी रहने वाला है तेरे नामो ने सभी चीजो को पूर्ण किया है तथा तेरे ज्ञान ने सभी का अहाता किया है और तेरे प्रकाश से सभी गुप्त और प्रकट प्राणी नेत्रो से देखने योग्य हुए है। हर प्रकार के दोष से पवित्र हे नूर प्रत्येक आरम्भ का आरम्भ प्रत्येक अतं का अतं  

 

जारी

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

दुआए अहद
अर्रहीम 1
तजुर्बे
दुआए कुमैल का वर्णन1
नक़ली खलीफा 3
आसमान वालों के नज़दीक इमाम जाफ़र ...
हदीसे किसा
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ...
हजरत अली (अ.स) का इन्साफ और उनके ...
अरफ़ा, दुआ और इबादत का दिन

 
user comment