तारीख़ों से पता चलता है कि मंसूर ने इमाम जाफ़रे सादिक़ (अ0) को मुतअदिद बार ज़हर के ज़रिये शहीद कराने की कोशीश की मगर चूकि मशीयते ईज़दी की तरफ़ से अय्यामे हयात बाक़ी थे इसलिये ...
17 रबियुल अव्वल सन् 83 हिजरी की पूर्व संध्या थी। अरब की तपती हुई रेत ठंडीs हो चुकी थी। हवा के हल्के हल्के झोंके पुष्प वाटिकाओं से खुशबूओं को उड़ा कर वातावरण को सुगन्धित कर रहे ...
किताबे मुन्तहल आमाल मे बयान किया गया है कि आयाते क़ुराने करीम और अहादीसे मुतावातिरा से साबित होता है कि परवरदिगारे आलम ने रसुले अकरम स.अ.व.व. को मक्का ए मोअज़्ज़मा से ...
हज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम का जीवन परिचयहज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधि रिज़ा है।माता पिताहज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम ...
शरियते इस्लाम में) रोज़े से मुराद है यह है कि इँसान ख़ुदावन्दे आलम की रज़ा के लिए अज़ाने सुबह से मग़रिब तक उन नौ चीज़ों से परहेज़ करे जिन का ज़िक्र बाद में किया ...
नाम व अलक़ाब (उपाधियाँ)
हज़रत इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधियाँ हादी व नक़ी हैं।
माता पिता
आपके पिता हज़रत इमाम मुहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम व आपकी ...
(शरियते इस्लाम में) रोज़े से मुराद है यह है कि इँसान ख़ुदावन्दे आलम की रज़ा के लिए अज़ाने सुबह से मग़रिब तक उन नौ चीज़ों से परहेज़ करे जिन का ज़िक्र बाद में किया ...
आशूरा अर्थात दस मुहर्रम के दिन हज़रत अब्बास ने अपने भाइयों को संबोधित करते हुए कहा था कि आज वह दिन है जब हमें स्वर्ग का चयन करना है और अपने प्राणों को अपने सरदार व इमाम पर ...
इमाम काज़िम अलैहिस्सलाम के ज़माने मे नेशापुर के शियो ने मौहम्मद बिन अली नेशापुरी नामी शख़्स कि जो अबुजाफर खुरासानी के नाम से मशहूर था, को कुछ शरई रकम और तोहफे साँतवे इमाम ...
हमारा अक़ीदह है कि शोहदा-ए- इस्लाम मख़सूसन शोहदा-ए-कर्बला के लिए अज़ादारी बरपा करना, इस्लाम की बक़ा के लिए उनकी जाफ़िशानी व उनकी याद को ज़िन्दा रखने का ज़रिया है। इसी वजह से ...
अपने प्रियः अध्ययन कर्ताओं के लिए हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन प्रस्तुत किये जारहे हैं।1- अल्लाहहज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि ...
नाम व अलक़ाब (उपाधियाँ) हज़रत इमाम अस्करी अलैहिस्सलाम का नाम हसन व आपकी मुख्य उपाधि अस्करी है।
जन्म व जन्म स्थान हज़रत इमाम अस्करी अलैहिस्सलाम का जन्म सन् 232 हिजरी क़मरी ...
ईश्वरीय दूतों का एक महत्वपूर्ण दायित्व अज्ञानता, अधर्मिता, अंध विश्वास के विरुद्ध संघर्ष और अन्याय, अत्याचार एवं मानवाधिकारों के हनन के विरुद्ध आंदोलन छेड़ना था। अंतिम ...
इंसानियत के हादीओ रहबर है मुस्तुफादरयाए मारेफत के शनावर है मुस्तुफाखत्मे रसुल है खास्साऐ दावर है मुस्तुफामौलाए जा है शाफाऐ महशर है मुस्तुफाखल्लाक़े दोजहाँ ने इन्हे ...
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की पैग़म्बरी की सार्वजनिक घोषणा के दस वर्ष बाद पैग़म्बरे इस्लाम स की पत्ती हज़रत ख़दीजा सलामुल्लाहे अलैहा ने संसार से ...
अ'दीला मौत से मुराद, मौत के वक़्त हक़ से बातिल की तरफ़ फिर जाना है, यानी जाँ-कुनी (मौत) के वक़्त शैतान शक में डाल कर गुमराह कर देता है और यू इंसान ईमान छोड़ बैठता है!यही वजह है की ...
तौहीद का अक़ीदा सिर्फ़ मुसलमानों के ज़हन व फ़िक्र पर असर अंदाज़ नही होता बल्कि यह अक़ीदा उसके तमाम हालात शरायत और पहलुओं पर असर डालता है। ख़ुदा कौन है? कैसा है? और उसकी ...
किताबे मुन्तहल आमाल मे बयान किया गया है कि आयाते क़ुराने करीम और अहादीसे मुतावातिरा से साबित होता है कि परवरदिगारे आलम ने रसुले अकरम स.अ.व.व. को मक्का ए मोअज़्ज़मा से ...
अपने पाँच वर्षीय शासन काल मे विभिन्न युद्धों, विद्रोहों, षड़यन्त्रों, कठिनाईयों व समाज मे फैली विमुख्ताओं का सामना करते हुए हज़रतअली ने तीन क्षेत्रो मे सुधार किये जो ...