Hindi
Friday 19th of April 2024
0
نفر 0

शब्दकोष में शिया के अर्थः

शब्दकोष में शिया के अर्थः

अरबी शब्दकोषों में शिया शब्द, किसी एक व्यक्ति या अनेक व्यक्तियों का किसी दूसरे का अनुसरण और आज्ञापालन करना, किसी की सहायता व समर्थन करना, तथा कथन या क्रिया में समझौते व समन्वयन के अर्थ में उपयोग किया जाता है।
निम्न में कुछ प्रसिद्ध शब्दकोषों के उद्धरण प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
القاموس: شيعة الرجل اتباعه و انصاره، و الفرقة على حدة و يقع على الواحد و الإثنين، و الجمع و المذكر، و المؤنث
अल-क़ामूस- किसी व्यक्ति के शिया उसके अनुगामी और सहायक होते हैं। एक समुदाय पर भी शिया शब्द उपयोग होता है। यह शब्द एकवचन, द्विवचन, बहुवचन, पुल्लिंग, स्त्रीलिंग सबके लिए एक ही रूप में प्रयोग होता है।
لسان العرب: الشيعة، القوم الذين يجتمعون على الأمر، و كل قوم اجتمعوا على امر فهم شيعة، و كل قوم امرهم واحد يتبع بعضهم رأي بعض فهم شيعة
लिसानुल अरब- शिया वह गुट है जो किसी बात पर सहमत हो, जो गुट किसी बात पर सहमति करे वह शिया है। हर वह गुट जो एक बात पर सहमत हो और उनमें से कुछ लोग, कुछ दूसरों का आज्ञापालन करें, वह शिया हैं।
معجم المقاييس: الشين و الياء و العين اصلان يدل أحدهما على معاضدة و مساعفة و الى آخر على بثّ و اشادة... و الشيعة الانصار و الاعوان
मोजमुल-मक़ाईस- (ش،ع،ی) शीन, ऐन, या, के दो मूल अर्थ हैं। एक अर्थ, सहायता व मदद के हैं और दूसरे प्रसार व छिन्न भिन्न होने को बयान करते हैं....... शिया अर्थात सहायता और समर्थन करने वाले।
المصباح المنير: الشيعة الاتباع و الانصار، و كل قوم اجتمعوا على امر فهم شيعة
मिस्बाहुल-मुनीर- शिया अनुगामी और सहायकों को कहा जाता है और जो गुट भी किसी बात पर सहमति करे वह शिया है।
اقرب الموارد: شيعة الرجل اتباعه و انصاره، شيع و اشياع
अक़रबुल मवारिद- किसी व्यक्ति के शिया अर्थात उसके अनुगामी और सहायक, शिया की बहुवचन शियअ और अशयाअ है।
النهاية: اصلها من المشايعة و هي المتابعة و المطاوعة
अन-निहायः- शिया के मौलिक अर्थ, अनुगमन के हैं अर्थात दूसरे का आज्ञापालन करना।
 उल्लिखित उदाहरणों में मनन चिंतन करने से यह परिणाम निकलता है कि शब्दकोष के अनुसार शिया शब्द के तीन अर्थ हैं और इन तीनों अर्थों में से कोई एक अर्थ अवश्य मुराद होते हैं।  1.अनुसरण व आज्ञापालन, 2.सहायता व मदद, 3.  सहमति व समन्वय।
 क़ुरआने करीम में शिया शब्द या उसके व्युत्पन्न (शियअ, अशयाअ) अपने शाब्दिक अर्थ में ही उपयोग होते हैं अर्थात ऐसा गुट जो एक बात पर सहमत हो, किसी विशेष धर्म व समुदाय का आज्ञापालन करना, कुछ लोगों का कुछ दूसरों का आज्ञापालन करना, जैसे बनी-इस्राईल का एक व्यक्ति जो क़िब्ती से मुकाबला कर रहा था, उसे क़ुरआन ने मूसा का शिया कहा है
فوجد فيها رجلين يقتتلان هذا من شيعته و هذا من عدوّه
हज़रत मूसा (अ.) ने शहर में दो लोगों को झगड़ा करते हुए देखा, जिन्में से एक उनका मित्र और दूसरा उनका शत्रु था।
 मतलब यह है कि इन दोनों में से एक, बनी-इस्राईल और दूसरा क़िब्ती था इस लिए कि बनी-इस्राईल स्वंय को हज़रत इब्राहीम, हज़रत याक़ूब और हज़रत इस्हाक़ का अनुगामी समझते थे यद्धपि उन माननीय ईशदूतों के धर्मशास्त्रों में परिवर्तन आ चुका था, परन्तु उन्हीं ईशदूतों का अनुगामी होने के आधार पर बनी-इस्राईल के व्यक्ति को मूसा का शिया कहा गया अर्थात वह उस धर्म व धर्मशास्त्र का अनुगामी था जिसे हज़रत मूसा स्वीकार करते थे।
 इसी प्रकार हज़रत इब्राहीम के बारे में पवित्र कथन हैः
 و انّ من شيعته لإبراهيم
नूह के शियों में से एक इब्राहीम भी थे।
  मतलब यह है कि एकेश्वरवाद, न्याय व निष्पक्षता और हक़ का अनुसरण करने के बारे में हज़रत इब्राहीम (अ.) की वही नीति थी जो नीति हज़रत नूह (अ.) की थी।
 इस आयत से यह मुराद नहीं है कि वह एक दूसरे का आज्ञापालन करते थे कि एक इमाम व पथप्रदर्शक और दूसरा मअमूम व अनुगामी हो बल्कि यहाँ पर मुराद नीति और धर्म में एकता व समन्वय है। इसी लिए इस सम्बंध में समय के आगे या पीछे होने का भी अंतर नहीं पड़ता है ।
अतः क़ुरआन मजीद कभी कभी पूर्ववर्तयों (साबेक़ीन) को बाद में आने वालों (मुतअख़्खेरीन) का शिया कहता है।
و حيل بينهم و بين ما يشتهون كما فعل باشياعهم من قبل
अविश्वासियों और उनकी कामुक इच्छाओं के मध्य मौत के माध्यम से दूरी पैदा कर दी गई, जिस प्रकार उनके पहले वालों के साथ किया गया था।
 इस आयते करीमा में प्राचीन काल के नास्तिकों को इस्लामी ईशदूत के युग के नास्तिकों का शिया कहा गया है, मतलब यह है कि दोनों नास्तिकता व धर्मविमुखता में समान हैं।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का ...
पाक मन
मुहाफ़िज़े करबला इमाम सज्जाद ...
इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की शहादत
पैगम्बर अकरम (स.) का पैमाने बरादरी
मासूमाऐ क़ुम जनाबे फातेमा बिन्ते ...
इमाम मूसा काज़िम (अ.ह.) के राजनीतिक ...
पैग़म्बरे इस्लाम स.अ. की वफ़ात
हक़ और बातिल के बीच की दूरी ??
बग़दाद में तीन ईरानी तीर्थयात्री ...

 
user comment