इस्लामी हिजरी क़मरी वर्ष के बारहवें महीने ज़िल्हज्जा की 24 तारीख़ को पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम तथा नजरान क्षेत्र के ईसाइयों के बीच मुबाहेला हुआ ...
अबनाः कर्बला वालों की शहादत और रसूले इस्लाम स.अ के अहलेबैत को बंदी बनाये जाने के दौरान औरतों ने अपनी व़फादारी, त्याग व बलिदान द्वारा इस्लामी आंदोलन में वह रंग भरे हैं जिनकी ...
मक्का नगर पर चांदनी बिखरी थी और पूरे नगर पर मौन छाया था किंतु एसा लग रहा था जैसे महान ईश्वरीय दूत हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैही व आलेही व सल्लम के लिए समय की गति भिन्न थी। ...
यह शब शबे आशूर अर्थात नौ मुहर्रम की रात है। इस रात की बहुत सी महत्वपूर्ण नमाज़ें और दुआऐं बयान हुई हैं। उनमें से एक, सौ रकअत नमाज़ है, जो इस रात पढ़ी जाती है उसकी हर रकअत में ...
क्या कहते हैं संसार के बुद्धीजीवी, दार्शनिक, लेखक और अधिनायक, कर्बला और इमाम हुसैन के बारे में?
महात्मा गांधी : मैंने हुसैन से सीखा की मज़लूमियत में किस तरह जीत हासिल की ...
आप का जन्म रजब मास की 13वी तारीख को हिजरत से 23वर्ष पूर्व मक्का शहर के विश्व विख्यात व अतिपवित्र स्थान काबे मे हुआ था। आप अपने माता पिता के चौथे पुत्र थे।
आप का जन्म रजब मास की ...
करबला की लडा़ई मानव इतिहास कि एक बहुत ही अजीब घटना है। यह सिर्फ एक लडा़ई ही नही बल्कि जिन्दगी के सभी पहलुओ की मार्ग दर्शक भी है। इस लडा़ई की बुनियाद तो ह० मुहम्मद मुस्त्फा़ ...
हज़रत फातेमा मासूमा (अ.स) हज़रत इमाम सादिक़ (अ.स) की बेटीयो (फातेमा, ज़ैनब और उम्मेकुलसूम) से नकल करती है और इस हदीस की सनद का सिलसिला हज़रत ज़हरा (स.अ) पर खत्म होता हैः حدثتنی ...
हज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधि रिज़ा है।
माता पिता
हज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम काज़िम अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रत नजमा ...
इमाम ह़सैन (अ स) की ज़ियारत के लिए पैदल जाना
من أتاه ماشیاً کتب الله له به کل خطوة حسنة ومحی عنه سیئة ورفع له درجة
अली इब्ने मैमून इमाम जाफ़र सादिक़ से रिवायत बयान करते हैं कि आपने फ़रमायाः “ऐ ...
जब हम अपना मूल्यांकन करना चाहें तो इसका उचित मार्ग यह है कि आदर्श हस्तियों को कसौटी मानकर उनके आचरण पर अपने क्रियाकलापों को तौलें। पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र और मानव समाज ...
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम के परिजनों की गिनती उन लोगों में होती है कि जो सत्यता के मोर्चे पर अटल एवं अग्रणी रहे। पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो ...
हजरत सैय्यद ताहिर चौथी सदी हिजरी के उलामा और मुसन्नेफिन (लेखक) मे से है आपका शुमार शहरे रै (तेहरान) की बड़ी और इल्मी शख्सीयतो मे किया जाता था आप एक जलीलुल कदर और बा करामत ...
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहु अलैहे व आलेही वसल्लम के परिजनों ने धर्म से दिगभ्रमित करने वाले विचारों और अत्याचारी शासनों के अंधकारमयी कालों में, चमकते हुए सूर्य की भांति ...
इमाम यानी ज़मीन पर ख़ुदा का ख़लीफ़ा, सारे मौजूदात की हयात और पूरी कायनात का सुकून वुजूदे इमाम से बर क़रार है। वह ज़ैनब (स) जो ख़ानदाने इमामत में पली हो और मकतबे अली (अ) में ...
बनी हाशिम के चांद हज़रत अबुल फ़ज़्लिल अब्बास के जन्मदिवस का जश्न आज पूरी दुनिया में हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली इब्ने अबीतालिब ...
तारीख़ी और रिवाई हक़ायक़ इस पर शाहिद हैं कि सरकारे मुरसले आज़म (स) और मौला ए कायनात (अ) की अज़ीमुश शान इलाही व इस्लामी हुकूमत के वुक़ू पज़ीर होने के बाद, इसी तरह इलाही अहकाम व ...
इस में कोई शक नही है कि हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (सलामुल्लाह अलैहा) की ज़ात इस्लाम में सबसे ज़्यादा दीनी, इल्मी, अदबी, मुत्तक़ी व अख़लाक़ी कमालात की हामिल है। आपकी ज़ात इफ़्फ़त ...
तारीख़ के सफ़हात पर ऐसे सरफ़रोशों की कमी नहीं जिन के जिस्म को तो वक्त के ज़ालिमों और जल्लादों ने क़ैदी तो कर दिया लेकिन उन की अज़ीम रुह, उन के ज़मीर को वह क़ैदी बनाने से आजिज़ ...
ईश्वरीय दायित्व के उचित ढंग से निर्वाह के लिए पैग़म्बरे इस्लाम (स) के परिजनों में से प्रत्येक ने अपने काल में हर कार्य के लिए तार्किक और प्रशंसनीय नीति अपनाता था ताकि ...