ज़ियारत व दर्शन का इस्लाम में विशेष स्थान है और वह मुसलमानों के निकट एक अच्छा कार्य है। मुसलमान शफ़ाअत अर्थात प्रलय के दिन सिफारिश/ तवस्सुल अर्थात सहारा व माध्यम और भले ...
जब असीरों का क़ाफ़ेला दरबारे इब्ने ज़ेयाद में पहुंचा तो इब्ने ज़ेयाद ने पूछा के वह औरत कौन है जो अपनी कनीज़ों के हमराह एक गोशे में बैठी है? आपने जवाब न दिया उसने दो तीन बार ...
ईश्वरीय दूतों का एक महत्वपूर्ण दायित्व अज्ञानता, अधर्मिता, अंध विश्वास के विरुद्ध संघर्ष और अन्याय, अत्याचार एवं मानवाधिकारों के हनन के विरुद्ध आंदोलन छेड़ना था। अंतिम ...
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे वआलेही वसल्लम की पैग़म्बरी की घोषणा की वर्षगांठ के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाईयां स्वीकार कीजिए। वह एक रहस्यमय ...
हज़रत ज़ैनब के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर विशेष चर्चा।महापुरूषों के जीवन की समीक्षा करना और उनको आदर्श बनाने जैसी बातें आत्मशुद्धि और उचित प्रशिक्षण के महत्वपूर्ण कारक ...
इससे पहले वाली कड़ी में हमने बताया कि मानव संस्कृति में इस्लामी सभ्यता व संस्कृति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पूरे इतिहास में विदेशियों ने इस्लामी सभ्यता की महान व ...
नाम व अलक़ाब (उपाधियां)
आपका नाम मुहम्मद व आपके अलक़ाब मुस्तफ़ा, अमीन, सादिक़,इत्यादि हैं।
माता पिता
हज़रत पैगम्बर के पिता का नाम अब्दुल्लाह था जो ;हज़रत अबदुल मुत्तलिब ...
उम्मत की इमामत व रहबरी एक पाको पाकीज़ा व इलाही ओहदा है, यह ओहदा हर इंसान के लिए नही है। लिहाज़ा इमाम में ऐसी सिफ़तों का होना ज़रूरी है जो उसे अन्य लोगों से मुमताज़(श्रेष्ठ) ...
किसी भी इंसान की समाजी ज़िन्दगी में जो चीज़ सबसे ज़्यादा असर अंदाज़ होती है वह उस इंसान का माज़ी का किरदार है। पैग़म्बरे इस्लाम (स.) की एक ख़ासियत यह थी कि वह दुनिया के किसी ...
चार शाबान एसे महान व्यक्ति का शुभ जन्म दिवस है जिसका नाम इतिहास में निष्ठा और त्याग का पर्याय बन चुका है। शाबान महीने की चार तारीख़ को हज़रत अली अलैहिस्सलाम के सुपुत्र ...
शेफ़ाअत अर्थात सिफ़ारिश के शब्द से सभी पूर्णरूप से अवगत हैं। जब भी अपराध, पाप और एक व्यक्ति की निंदा की बात होती है और कोई व्यक्ति मध्यस्थ बनता है ताकि उसे दंड से मुक्ति ...
बहुत से महापुरुष और वे लोग जिन्होंने इतिहास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उनकी सफलता के पीछे दो प्रकार की महिलाओं का बलिदान और त्याग रहा है। पहला गुट उन मोमिन और ...
सलाम हो अली के सुपुत्र अबल फ़ज़्लिल अब्बास पर जिन्होंने सत्य के ध्वज को ऊंचा रखने के मार्ग में अपने प्राण की आहूति दी और इतिहास में अमर हो गए।
सलाम हो उस पर जो सद्गुण व ...
पैग़म्बर और ईश्वरीय मार्गदर्शक, सर्वसमर्थ व महान ईश्वर की असीम कृपा के प्रतीक और विश्व में उसकी दया एवं मार्गदर्शन के स्रोत हैं। वे इतिहास के अंधेरे में प्रज्वलित दीप की ...
मोहम्मद बिन अब्दुल वह्हाब ने कई शताब्दियों के बाद इब्ने तय्मिया के भ्रष्ठ विचारों का प्रचार करना आरंभ कर दिया। इन्ने तयमिया के भ्रष्ठ, ग़लत और फूट डालने वाले विचारों को ...
यह सवाल हर शख्स के ज़हन में आता है कि उमर बिन ख़त्ताब और उनके तरफ़दारों ने पैग़म्बरे अकरम (स) की तदबीर अमली होने में रुकावट क्यों पैदा की? क्या आँ हज़रत (स) ने रोज़े क़यामत तक ...
पिछले कार्यक्रम में हमने कहा कि जिन विषयों के बारे में वह्हाबियों ने अत्यधिक हो हल्ला मचाया है उनमें से एक ईश्वर के प्रिय बंदों से तवस्सुल या अपने कार्यों के लिए उनके ...
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे वआलेही वसल्लम के अहलेबैत में से हर एक अपने समय में इल्म और कमाल व परिपूर्णता की निगाह से बेमिसाल था। वह अपने समय ...
अबू अब्दिल्ला मुहम्मद इबने इदरीस इब्ने अब्बास शाफेअ, शाफेई मज़हब के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। आप अहले सुन्नत के तीसरे इमाम हैं और इमाम शाफेई के नाम से मशहूर हैं। आप का ...
हज़रत अब्बास की माता का नाम "फ़ातिमा बिन्ते हेज़ाम" था। बाद में उन्होंने "उम्मुल बनीन" के नाम से ख्याति पाई। वे हज़रत फ़ातिमा के बच्चों के लिए बहुत अच्छी माता और हज़रत अली की ...