इमाम जाफर अल-सादिक़ (अ:स) से नकल हुआ है की जो शख्स चालीस रोज़ तक हर सुबह इस दुआए अहद तो पढ़े तो वोह इमाम (अ:त:फ) के मददगारों में से होगा और अगर वो इमाम (अ:स) के ज़हूर के पहले मर जाता है ...
इक़्तेसादी दुनिया में मालीयात की तन्ज़ीम के दो मरहले होते हैं। एक मरहला पैदावार का होता है और दूसरा सरवत की तक़सीम का और आम तौर से इक़्तेसादी निज़ाम तक़सीम के बारे में बहस ...
पवित्र क़ुरआन के एक सूरे का नाम निसा है जिसका अर्थ होता है महिलाएं। इस सूरे के इस नामंकन का एक कारण यह है कि इसमें महिलाओं के अधिकारों और उनसे संबंधित मामलों का उल्लेख किया ...
हज़रत अली अलैहिस्सलाम के महान व्यक्तित्व के परिचय से विशेष यद्यपि बहुत अधिक विद्वानों और लेखकों ने बहुत अच्छे व सुन्दर शब्दों में हज़रत अली अलैहिस्सलाम के बारे में ...
आमपौर पर (अधिकतर) हमारी ज़बानों से एक वाक्य सुनने को मिलता है रवासिमे अज़ा (रीतियाँ) मरासिमे अज़ा (प्रथाऐं) जिसका अर्थ हर वह कार्य होता है जिसका सम्बन्ध अज़ादारी से हो।
...
ग़ीबत यानी पीठ पीछे बुराई करना है, ग़ीबत एक ऐसी बुराई है जो इंसान के मन मस्तिष्क को नुक़सान पहुंचाती है और सामाजिक संबंधों के लिए भी ज़हर होती है। पीठ पीछे बुराई करने की ...
हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा का जीवन तथा उनका व्यक्तित्व विभिन्न आयामों से समीक्षा योग्य है। पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम, हज़रत अली अलैहिस्सलाम ...
इस्लाम को लेकर यह गलतफहमी है और फैलाई जाती है कि इस्लाम में औरत को कमतर समझा जाता है। सच्चाई इसके उलट है। हम इस्लाम का अध्ययन करें तो पता चलता है कि इस्लाम ने महिला को चौदह ...
आज रमज़ान की १९ तारीख़ है। वही तारीख़ जब वर्ष ४० हिजरी क़मरी में सुबह की नमाज़ पढ़ते समय ईश्वर के महान साहसी एवं न्यायी दास के सिर पर मानव समाज के अत्यंत तुच्छ व्यक्ति की ...
क़ुराने मजीद के 15वें सूरे ‘हिज्र’ है। इस सूरे में 99 आयतें हैं। यह हिजरत से पूर्व मक्के में नाज़िल हुआ था।इस सूरे का नाम आयत क्रमाक 80 में असहाबे हिज्र अर्थात हज़रत सालेह ...
रजब के मुबारक महीने की पहली तारिख़ एक बार फिर आ पहुंची है। आज ही के दिन पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पौत्र इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम ने इस संसार में क़दम रखा। उन्होंने ...
पुस्तकः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला अनसारीयान
हमने इसके पूर्व लेख मे मानव शरीर की सुरक्षा प्रणाली सम्बंधित कुच्छ बातो को वर्णन किया था जिन मे यह बात ...
लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: पश्चताप दया की आलंगन
पवित्र क़ुरआन के स्पष्ट छंदो से क्रमशः सुरए इसरा के छंद (आयत) 83, सुरए क़िस्स के छंद 76 से 79, सुरए अलफ़ज्र छंद ...
मुहर्रम महीने की 12 तारीख़, इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम का शहादत दिवस है। उनका उपनाम सज्जाद है। करबला की हृदय विदारक घटना के बाद इमाम सज्जाद को सन 61 हिजरी में इमाम ...
तारीख़ के सफ़हात पर ऐसे सरफ़रोशों की कमी नहीं जिन के जिस्म को तो वक्त के ज़ालिमों और जल्लादों ने क़ैदी तो कर दिया लेकिन उन की अज़ीम रुह, उन के ज़मीर को वह क़ैदी बनाने से आजिज़ ...
मैंने अपने असहाब से आलम और बेहतर किसी के असहाब को नही पाया।हमारी दीनी तालीमात का पहला स्रोत क़ुरआने मजीद है। क़ुरआन के बाद हम जिन रिवायात का तज़किरा करते हैं वह दो तरह की ...
सफ़र महीने की बीसवी तारीख़ को इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत के लिए दो तरीक़े बयान किए गए हैं पहला तरीक़ा वह है जिसे शेख़ तूसी ने तहज़ीब और मिस्बाह नामक किताबों में सफ़वान जम्माल ...
लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: शरहे दुआ ए कुमैल
नख़अ यमन की जनजातियो मे से एक बडी जनजाति है, इस जाति के लोग इस्लाम धर्म के आरम्भ मे ही मुसलमान हो गये थे। यह ...
वर्ष ३८ हिज़री क़मरी ५ शाबान को पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेहि व सल्लम के पौत्र इमाम अली बिन हुसैन पैदा हुए जिनकी एक उपाधि सज्जाद भी है। हज़रत इमाम हुसैन ...
शेख़ सदूक़ हज़रत अली रज़ा (अ) से रिवायत करते हैं फिर आप ने फरमाया :.जब हज़रत नूह (अ) डूब रहे थे तो उन्होनें ख़ुदा को हमारा वास्ता देकर पुकारा तो ख़ुदा ने उन्हें डूबने से बचा ...