Hindi
Tuesday 23rd of April 2024
0
نفر 0

पत्रकारों के ख़िलाफ़ इस्राईल के अपराध

पत्रकारों के ख़िलाफ़ इस्राईल के अपराध

फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इस्राईली शासन के अपराध आम नागरिकों या विशेष वर्ग तक सीमित नहीं हैं बल्कि पत्रकार, संवाददाता और फ़ोटो जर्निलस्ट भी इन अपराधों में ज़द पर हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मई 1993 को विश्व प्रेस दिवस घोषित किया है। इस दिन के नामकरण के पीछे एक लक्ष्य पत्रकारों व संवाददाताओं का समर्थन करना और इस वर्ग के ख़िलाफ़ हिंसा को रोकना है कि जिनके कांधे पर सूचना पहुंचाने जैसी बड़ी ज़िम्मेदारी है, इसलिए ज़रूरी है कि सूचना पहुंचाने की प्रक्रिया के दौरान पत्रकार व संवाददाता स्वतंत्र व सुरक्षित हों। इसके बावजूद बहुत से अवसर पर पत्रकारों व संवाददाताओं की आज़ादी व सुरक्षा की अनदेखी की घटनाएं सामने आती हैं।

इस बात में शक नहीं कि इस्राईली शासन जो दुनिया में मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है, पत्रकारों विशेष रूप से फ़िलिस्तीनी पत्रकारों की सुरक्षा व आज़ादी के संबंध में अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभाता बल्कि पत्रकारों से जुड़े इन दोनों अहम बिन्दुओं का उल्लंघन करता है।

फ़िलिस्तीन में पत्रकारों के अधिकारों की समर्थक समिति के अनुसार, इस समय 22 फ़िलिस्तीनी पत्रकार इस्रईली की क़ैद में हैं जिनमें 7 जेल में बंद, 11 हिरासत में और 4 प्रशासनिक हिरासत में हैं।

ज़ायोनी शासन पत्रकारों, संवाददाताओं और फ़ोटो जर्नलिस्ट सहित प्रेस के कर्मचारियों पर विभिन्न हथकंडों से दबाव डालता है ताकि वे अतिग्रहित फ़िलिस्तीन के बारे में ख़बरों को कवरेज न दें और दूसरी ओर जनमत, फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इस शासन के अपराध के बारे में अवगत न हो।

पत्रकारों के अधिकारों का हनन सिर्फ़ उनकी गिरफ़्तारी व जेल में बंद होने तक सीमित नहीं है बल्कि वर्ष 2018 में ग़ज़्ज़ा पट्टी में 2 पत्रकार अपनी पेशेवराना ज़िम्मेदारी अंजाम देते वक़्त ज़ायोनी सैनिकों की गोलियों से शहीद हो गए और अब तक 345 पत्रकार ज़ायोनी सैनिकों के हाथों मार-पीट का शिकार हुए हैं।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

किस हद तक गिरती जा रही हैं सरकारें?!
दोहा वार्ता किस दिशा में आगे बढ़ ...
नाइजीरिया में सेना द्वारा ...
मुसलमानों में आक्रोशः ...
चीन का सैन्य बजट बढ़ा, पड़ोसी देश ...
श्रीलंका में होटलों और गिरजाघरों ...
इल्म
शेख़ ईसा क़ासिम ऑप्रेशन के बाद घर ...
भारतीय सीईओ पर ट्रंप समर्थकों ...
लंदन की मस्जिद में नमाज़ियों पर ...

 
user comment