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Friday 29th of March 2024
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बहरैन में प्रदर्शन

बहरैन के १४ फ़रवरी के क्रांतिकारी गठबंधन की मांग पर आज व्यापक स्तर पर देशव्यापी प्रदर्शन किये जा रहे हैं। यह एसी स्थिति में है कि जब पिछले कुछ दिनों के दौरान बहरैन वासियों ने आले ख़लीफ़ा शासन के विरुद्ध बहरैन के विभिन्न नगरों में प्रदर्शन किये हैं।

बहरैन के १४ फ़रवरी के क्रांतिकारी गठबंधन की मांग पर आज व्यापक स्तर पर देशव्यापी प्रदर्शन किये जा रहे हैं। यह एसी स्थिति में है कि जब पिछले कुछ दिनों के दौरान बहरैन वासियों ने आले ख़लीफ़ा शासन के विरुद्ध बहरैन के विभिन्न नगरों में प्रदर्शन किये हैं। इन प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने आले ख़लीफ़ा शासन के बहरैन की सत्ता से पूर्ण रूप से हटने पर बल दिया। सरकार विरोधी प्रदर्शनों में बहरैन की जनता ने आले ख़लीफ़ा के शासन को अवैध बताते हुए इस शासन के परिवर्तन की घोषणा की और साथ ही इस शासन के साथ किसी भी प्रकार की वार्ता को ठुकरा दिया है। प्रदर्शनकारियों ने इसी प्रकार अपने देश से सऊदी अरब के सैनिकों के वापस जाने की मांग भी की। १४ फ़रवरी के क्रांतिकारी गठबंधन के अतिरिक्त बहरैन की सरकार के विरोधी अलवेफ़ाक़ नामक संगठन ने भी शुक्रवार को किये जाने वाले सरकार विरोधी प्रदर्शनों का खुलकर समर्थन किया है। आले ख़लीफ़ा शासन के विरुद्ध बहरैन की जनता के विरोध प्रदर्शनों के आरंभ से ही बहरैन के सुरक्षाबलों ने सऊदी अरब के सैनिकों की सहकारिता से प्रदर्शनकारियों का खुलकर दमन किया है। अब तक सैकड़ों की संख्या में बहरैनवासी हतातत और घायल हुए हैं जबकि हज़ारों की संख्या में उनको गिरफ़तार किया गया है। बहरैन में मानवाधिकार आयोग के एक सदस्य अब्बास अलउमरान ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि आले ख़लीफ़ा का शासन अब अपने अंत को पहुंच चुका है कहा कि बहरैनवासी अपनी मांगों को लेकर कटिबद्ध हैं। उन्होंने बल देकर कहा कि पतन की कगार पर आले ख़लीफ़ा सरकार के विरूद्ध प्रदर्शनकारियों की ओर से मुक़द्दमा दायर किया गया है। बहरैन के एक शोधकर्ता अली अलकरबाबादी ने कहा है कि बहरैन की जनता आले ख़लीफ़ा के दमन के मुक़ाबले में शांत नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि यद्यपि आले ख़लीफ़ा शासन लोगों से विशिष्टाएं लेने और इस शासन के अधिकारियों के विरुद्ध अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय में शिकायतें करने से जनता को रोकने में लगा हुआ है किंतु बहरैन की जनता अपने प्रतिरोध को जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि बहरैन में आले ख़लीफ़ा के विरोधी समस्त राजनैतिक गुटों ने शोहदा स्कवाएर पर पुनः एकत्रित होने की घोषणा कर दी है। अली अलकरबाबादी ने कहा कि यह विषय, जनता के दृढ संकल्प को दर्शाता है। इस बहरैनी शोधकर्ता ने कहा कि आले ख़लीफ़ा शासन जनसंहार और दमन के समस्त हथकण्डों को अपनाकर जनता को दबाना चाहता है। उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं में बहरैन के आले ख़लीफ़ा शासन के विरुद्ध कार्यवाही के प्रयासों की सराहना की।

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