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Friday 29th of March 2024
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बहरैन में कफ़न पहन कर लोगों ने किया प्रदर्शन, आयतुल्लाह ईसा क़ासिम की तत्काल रिहाई की मांग।

अबनाः  बहरैन की आले खलीफा तानाशाही ने साल भर चले ड्रामे और झूठे ट्रायल के बाद बहरैन के आध्यात्मिक नेता अयातुल्लाह शैख़ ईसा क़ासिम को एक साल नज़रबंदी की सजा सुनाई थी । बहरैन तानाशाही ने उनकी ३ मिलियन डॉलर की प्रॉपर्टी जब्त कर उन पर १ हज़ार दीनार का जुर्माना भी लगाया गया था । हालाँकि बहरैन कोर्ट ने उनकी सजा को ३ साल के लिए टाल दिया था लेकिन अदालत के फैसले के २४ घंटे के अंदर ही खलीफाई सैनिकों ने शैख़ क़ासिम के मकान पर धावा बोल दिया जिस में उनके एक साथी की शहादत हो गयी और सैंकड़ों घायल हो गए । बहरैन मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने कहा की बहरैन के तानाशाह ने रियाज़ सम्मेलन में ट्रम्प की सहमति मिलने के बाद यह हमला किया है । हमे विश्वास है कि बहरैन के घटनाक्रम में अमेरिका और खाड़ी देशों की पूर्ण सहमति शामिल है। बहरैन राजशाही को अमेरिका और क्षेत्र की साम्राज्यवादी सत्ता का समर्थन प्राप्त है । बहरैन सरकार ने मुस्तफा हमदान के बाद आज एक और बहरैनी नागरिको को शहीद कर दिया है


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