Hindi
Saturday 20th of April 2024
0
نفر 0

दुआ ऐ सहर

ऐ गमो अन्दोह मे मेरी पनाहगाह या मफज़ई इन्दा कुरबती يَا مَفْزَعِي عِنْدَ كُرْبَتِي ऐ मुश्किलो मे मेरी मदद करने वाले या ग़ौसी इन्दा शिद्दती وَ يَا غَوْثِي عِنْدَ شِدَّتِي मै तेरी पनाह मे आया हुँ और मै तुझसे ही दुआ माँगता हुँ इलेय
दुआ ऐ सहर

ऐ गमो अन्दोह मे मेरी पनाहगाह
    

या मफज़ई इन्दा कुरबती
    

يَا مَفْزَعِي عِنْدَ كُرْبَتِي

ऐ मुश्किलो मे मेरी मदद करने वाले
    

या ग़ौसी इन्दा शिद्दती
    

وَ يَا غَوْثِي عِنْدَ شِدَّتِي

मै तेरी पनाह मे आया हुँ और मै तुझसे ही दुआ माँगता हुँ
    

इलेयका फज़अतो वा बेकस तग़सतो
    

اِلَيْكَ فَزِعْتُ وَ بِكَ اسْتَغَثْتُ

और तुझसे ही पनाह चाहता हुँ और किसी से पनाह नही चाहता।
    

बेका लुज़तो ला अलूज़ो बे सिवाका
    

وَ بِكَ لُذْتُ لا اَلُوذُ بِسِوَاكَ

अपनी मुश्किलो के हल तेरे अलावा किसी और से नही चाहता। बस तू ही मेरी मदद फरमा।
    

वला अतलोबुल फरजा इल्ला मिन्का
    

وَ لا اَطْلُبُ الْفَرَجَ اِلا مِنْكَ فَاَغِثْنِي

मेरे कामो को आसान करदे ऐ वो ज़ात जो कम अमल को भी कुबुल करता है।
    

व फर्रिज अन्नी या मन यक़बलुल यसीर / मैय्य यक़बलुल यसीर
    

وَ فَرِّجْ عَنِّي يَا مَنْ يَقْبَلُ الْيَسِيرَ

और बहुत ज्यादा गुनाहो को भी बख्श देता है। मेरी कम इबादतो को कुबुल फरमा।
    

व यअफु अनील कसीर इक़बल मिन्नील यसीर
    

وَ يَعْفُو عَنِ الْكَثِيرِ اقْبَلْ مِنِّي الْيَسِيرَ

मेरे बहुत ज्यादा गुनाहो को माफ फरमा क्योकि तू माफ करने वाला और महरबान है।
    

वअफु अन्नील कसीर ,

इन्नका अन्तल ग़फूरूर रहीम
    

وَ اعْفُ عَنِّي الْكَثِيرَ اِنَّكَ اَنْتَ الْغَفُورُ الرَّحِيمُ

परवरदिगारा मै तुझसे ऐसा ईमान चाहता हुँ कि जिसमे मेरा दिल साथ हो।
    

अल्लाहुम्मा इन्नी असअलोका ईमानन तुबाशेरो बेही क़लबी
    

اللّٰهُمَّ اِنِّي اَسْاَلُكَ اِيمَانا تُبَاشِرُ بِهِ قَلْبِي

ऐसा यक़ीन चाहता हुँ कि कोई चीज़ मुझे ऐसी नही मिली कि
    

व यक़ीना हत्ता आलमा अन्नहु लनयुसीबनी /लैय्य युसीबनी
    

و یقینا حَتَّى اَعْلَمَ اَنَّهُ لَنْ يُصِيبَنِي

जिसे तूने मेरे नसीब मे न लिखा हो।
    

इल्ला मा कतबता ली
    

اِلا مَا كَتَبْتَ لِي

और जो कुछ तूने मुझे दिया है मुझे उससे राज़ी कर दे। ऐ महरबानी करने वालो मे सबसे ज्यादा महरबान
    

व रज़्ज़ेनी मिनल ऐशे बेमा क़समता ली या अरहमर्र राहेमीन
    

وَ رَضِّنِي مِنَ الْعَيْشِ بِمَا قَسَمْتَ لِي يَا اَرْحَمَ الرَّاحِمِينَ

ऐ गमो अन्दोह मे मेरे सामाने सफर
    

या उद्दती फी कुरबती
    

يَا عُدَّتِي فِي كُرْبَتِي

ऐ मुश्किलो मे मेरे साथी
    

या साहेबी फी शिद्दती
    

وَ يَا صَاحِبِي فِي شِدَّتِي

ऐ नेमतो मे मेरे सरपरस्त
    

या वलीय्या फी नेअमती
    

وَ يَا وَلِيِّي فِي نِعْمَتِي

ऐ मेरी चाहतो की इन्तेहा
    

या ग़ायती फी रग़बती
    

وَ يَا غَايَتِي فِي رَغْبَتِي

तूही मेरी बुराईयो को छुपाने वाला है।
    

अन्तस सातेरो औरती
    

اَنْتَ السَّاتِرُ عَوْرَتِي

और घबराहट मे मेरे लिऐ जाऐअमन है।
    

वल आमेनो रोअती
    

وَ الْآمِنُ رَوْعَتِي

और मेरी गलतीयो को माफ करने वाला है।
    

वल मुक़ीलो असरती
    

وَ الْمُقِيلُ عَثْرَتِي

मेरी गलतीयो को माफ फरमा।
    

फ़ग़ फिरली खतीअती
    

فَاغْفِرْ لِي خَطِيئَتِي

ऐ रहम करने वालो मे सबसे ज़्यादा रहम करने वाले
    

या अरहमर्र रा


source : alhassanain
0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

इमाम अस्र (अ) कुरआने करीम की रौशनी ...
जीवन तथा ब्रह्माड़ मे पशुओ और जीव ...
सहीफ़ए सज्जादिया का परिचय
इमाम हसन(अ)की संधि की शर्तें
आदर्श जीवन शैली-३
हर रोज़ एक नया क़दम
बनी हाशिम के पहले शहीद “हज़रत अली ...
इमाम सज्जाद अलैहिस्सलमा का जन्म ...
शबे आशूर के आमाल
अज़ादारी और इसका फ़लसफ़ा

 
user comment