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पूरी दुनिया को करना चाहिए आले सऊद का बहिष्कार।

भारत में मुस्लिम धर्मगुरूओं के सबसे बड़े संगठन ने केंद्र सरकार से देश में दाइश और वहाबी आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही की मांग की है। मजलिसे उलमाए हिन्द ने समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित मुस्लिम धर्मगुरूओं के उन बयानों की कड़े शब्दों में आलोचना की
पूरी दुनिया को करना चाहिए आले सऊद का बहिष्कार।

भारत में मुस्लिम धर्मगुरूओं के सबसे बड़े संगठन ने केंद्र सरकार से देश में दाइश और वहाबी आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही की मांग की है।
मजलिसे उलमाए हिन्द ने समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित मुस्लिम धर्मगुरूओं के उन बयानों की कड़े शब्दों में आलोचना की है जिनमें आतंकवादियों का समर्थन किया गया था
भारत के कुछ मुस्लिम धर्मगुरूओं ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा था कि  वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शहीद बाक़िर निम्र को दी गई मौत की सज़ा भारत में आतंकी हमले के आरोपी अजमल कसाब की फांसी की तरह है, जो सऊदी अरब के क़ानून के अनुसार सही है।
मजलिसे उलमाए हिन्द ने कहा है कि भारत मे मौजूद कुछ मुस्लिम धर्मगुरू कैसे शेख़ निम्र को दी गई मौत की सज़ा का समर्थन कर सकते हैं, जबकि उनको दी गई सज़ा वहाबी आतंकवाद की विचारधारा के अनुसार है। ऐसी विचारधारा जो तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश की विचारधारा है।
मजलिसे उलमाए हिन्द ने भारत सरकार से पूछा है कि केंद्र सरकार किस दिन का इंतज़ार कर रही है अब तो आतंकवादी संगठनों के समर्थकों के चेहरे उनके सामने आ चुके हैं उन्हें तुरंत गिरफ़्तार क्यों नहीं किया जाता है।
मजलिसे उलमाए हिन्द ने अपने बयान मे इस बात पर दुख व्यक्त किया है कि भारत में रहकर जो लोग आतंकवादी गुट दाइश का समर्थन करते हों, बग़दादी को ख़लीफ़ा स्वीकार करते हों और उसे पत्र लिख कर अपने समर्थन की घोषणा करते हों वे लोग देश में आज़ाद घूम रहे हैं।
भारत में मुस्लिम धर्मगुरूओं के संगठन ने केंद्र से प्रश्न किया है कि क्या सरकार इन्हें देश की सुरक्षा और लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए ख़तरा नहीं मानती है? साथ ही संगठन ने कहा है कि यह कुछ धर्मगुरू जो वहाबी विचारधारा और दाइश का समर्थन कर रहे हैं वे सुन्नी मुसलमान नहीं हैं क्योंकि सुन्नी मुसलमान तो सऊदी सरकार और वहाबी विचारधारा का पूरी दुनिया में विरोध कर रहे हैं।
मजलिसे उलमाए हिन्द ने अपने बयान में कहा है कि सऊदी शासन ने सुन्नी मुसलमानों के एक वरिष्ठ धर्मगुरू को भी मौत की सज़ा दी है और जो लोग भारत में शेख़ निम्र की मौत की सज़ा का समर्थन कर रहे हैं वे लोग वहाबी विचारधारा के धर्मगुरू हैं जो भारत का माहौल ख़राब कर रहे हैं।
भारत में वरिष्ठ शिया धर्मगुरू और मजलिसे उलमाए हिन्द के महासचिव मौलाना सैयद कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि जो लोग शहीद निम्र को मिली मौत की सज़ा का समर्थन कर रहे हैं शायद उनको यह जानकारी नहीं है कि शहीद बाक़िर निम्र सऊदी अरब के अल्पसंख्यक समुदाय की आवाज़ थे जिस में शिया-सुन्नी दोनों मुसलमान शामिल हैं।
मौलाना ने कहा कि भारत एक शांतिपूर्ण देश है यहां हर समुदाय मिलजुलकर रहता है। उन्होंने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर देश में वहाबी आतंकवादी विचारधारा को समय रहते रोका नहीं गया तो हमारे शांतिपूर्ण देश में आतंकवादी घटनाएं बढ़ने लगेगीं।
ज्ञात रहे कि सऊदी अरब के आले सऊद शासन ने इस देश के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू आयतुल्लाह शहीद बाक़िर निम्र को सरकारी नीतियों का विरोध करने के कारण देशद्रोह के आरोप में मौत की सज़ा दे दी है, जिसकी राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून यूरोपीय संघ और विभिन्न मानवाधिकार संगठनों सहित पूरी दुनिया में कड़ी निंदा की गई है।


source : abna24
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