Hindi
Saturday 20th of April 2024
0
نفر 0

ख़ज़र सागर के ज्वार भाटे की क्षतिपूर्ति 2

ख़ज़र सागर के ज्वार भाटे  की क्षतिपूर्ति 2

पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन

लेखकः आयतुल्ला हुसैन अंसारीयान

 

इन हवाओ की शक्ति इतनी अधिक होती है कि ख़ज़र सागर के पानी को इतना ऊपर ले जाती है कि अधिकांश नौका चालक उसका मुक़ाबला करने मे असमर्थ हो जाते है।

यह हवाएं ख़ज़र सागर के उत्तर मे उपस्थित बादलो को दक्षिण की ओर भगा देने का कार्य भी करती है जिसके कारण ईरान के उत्तरीय क्षेत्र मे वर्षा होती है ताकि वहां पर कृषि हरि भरि हो जाए।

यह हवाए इस नदि के पानी को मिरदाबे अंज़ली (अंज़ली तालाब) मे ढकेल देती है ताकि तालाब मिरदाबका पानी स्वच्छ हो जाए गीलान शहर की नदी वर्षा के कारण अधिकांश समय मटमैला होती है जिसमे जंगली घास के बीज इत्यादि होते है और जब इस तालाब मे मिट्टी भर जाती है, उस से पानी के ऊपर झाग उत्पन्न होते है, घास के बीज इत्यादि वहा पर अंकुरित होने लगते है, इन दो कारणो से इस तालाब का पानी सूख जाना चाहिए तथा उसे दलदल मे परिवर्तित हो जाना चाहिए परन्तु हज़ारो वर्षो से यह तालाब इसी प्रकार बाक़ी है, इसका कारण क्या है?

इसलिए कि ईश्वर कमी की क्षतिपूर्ति करने वाला है इस समस्या की रोक थाम हेतु इस नदि के पानी को बाढ़ से मिला देता है और जिस समय सरेनोक”, ख़ज़री तथा मियानवा नामक हवाएं बादलो को बरसने के लिए दक्षिण की ओर ढ़केलती है तो नदि का स्वच्छ एंव पवित्र पानी, गदले पानी से मिल जाता है जिसके कारण उस गदले पानी की ग़ज़लत कम हो जाती है, बीज और बेल इत्यादि समुद्र के नमकीन पानी मे नष्ट हो जाते है।

जिस समय यह वर्णित हवाएं बंद हो जाती है उस समय करामू”, किनारवा तथा आफ़ताब बोशू नामक हवाए चलती है जो इस तालाब के पानी को ख़ज़र सागर मे पहुंचा देती है जिसके कारण वहां गदला पानी साफ हो जाता है।

इसी प्रकार गेलवा और दुरुशत्वा नामक हवाए तालाब के पानी को उत्तर से दक्षिण की ओर ले जाती है तथा उस पानी को मिलाने मे सहायता करती है।!![1]



[1] निशानेहाए आज़ाद, पेज 151

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

नहजुल बलाग़ा में हज़रत अली के ...
इमाम महदी अलैहिस्सलाम का वुजूद, ...
हुसैन(अ)के बा वफ़ा असहाब
कुमैल को अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) की ...
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम
इमाम हुसैन अ.स. का चेहलुम
वुज़ू के वक़्त की दुआऐ
इमाम अस्र (अ) कुरआने करीम की रौशनी ...
जीवन तथा ब्रह्माड़ मे पशुओ और जीव ...
सहीफ़ए सज्जादिया का परिचय

 
user comment