Hindi
Friday 29th of March 2024
0
نفر 0

विचित्र संहिता एवं विचित्र परिणाम 3

विचित्र संहिता एवं विचित्र परिणाम 3

पुस्तक का नामः पश्चाताप दया की आलंग्न

लेखकः आयतुल्ला हुसैन अंसारियान

 

इल लेख से पहले वाले लेख मे हमने अली गंदाबी के भीतर पैदा होने वाली क्रांति के समबंध मे उल्लेख किया कि किस प्रकार उसके अंदर क्रांति का जन्म हुआ अब अली गंदाबी से संमबंधित अंतिम लेख मे इस बात का उल्लेख है किया गया है कि क्रांति के जन्म लेने के पश्चात अली गंदाबी का जीवन किस प्रकार हुआ और उसका अंत कैसा हुआ।

इस मजलिस, रोने एंव त्पस्या के कारण वह ईराक़ की तीर्थ यात्रा पर गया आइम्मा अलैहेमुस्सलाम की ज़ियारत के पश्चात वह नजफ़ पहुंचा।

उस समय मिर्ज़ा शीराज़ी (जिन्होने तम्बाकू के हराम होने का फतवा दिया था) नजफ़े अशरफ़ मे रहते थे, अली गंदाबी मिर्ज़ा शीराज़ी की नमाज़े जमाअत मे सम्मिलित हुआ करता था तथा उन्ही के पीछे अपनी जानमाज बिछाया करता था, कई वर्षो तक इस मरज ए तक़लीद की नमाज़े जमाअत मे सम्मिलित होता रहा।

एक दिन मग़रिब और इशा की नामज़ के बीच मिर्ज़ा शीराज़ी को सूचित किया गया कि फ़ला आलिमे दीन की मृत्यु हो गई है, मिर्ज़ा शीराज़ी ने आदेश दिया कि इमाम अली अलैहिस्सलाम के उस दालान मे उनका अंतिम संस्कार किया जाए, तुरंत ही उनके लिए क़ब्र तैयार कि गई, परन्तु इशा की नामाज़ के पश्चात लोगो ने मिर्ज़ा शीराज़ी को सूचना दी कि उस आलिमे दीन को सकता हो गया था और अब उनको होश आ गया है, लेकिन अचानक अली गंदाबी बैठे बैठे इस दुनिया से चलता बना, यह देख मिर्ज़ा शीराज़ी ने कहाः अली गंदाबी का इस कब्र मे अंतिम संस्कार (दफन) कर दिया जाए (शायद यह कब्र इसी के लिए बनी थी)।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

अब कभी हज़रत मोहम्मद के कार्टून ...
पापो के बुरे प्रभाव 5
ईरान के विरुद्ध अमरीका की जासूसी ...
वरिष्ठ कमांडर मुस्तफ़ा ...
क़ुरआन तथा पश्चाताप जैसी महान ...
दावत नमाज़ की
सीरियाई सेना की कामयाबियों का ...
मुसाफ़िर के रोज़ों के अहकाम
चिकित्सक 2
इस्लाम में पड़ोसी अधिकार

 
user comment