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चिकित्सक 12

चिकित्सक 12

पुस्तक का नामः पश्चताप दया का आलंगन

लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान

 

सातवे इमाम[1] (अलैहिस्सलाम) ने हेशाम पुत्र हकम से कहाः

 

رَحِمَ أَللہُ مَن استَحییٰ مِنَ اللہِ حَقَّ الحَیَاءِ فَحَفِظَ الرَّأسَ وَ مَا حَویٰ وَ البَطنَ وَ مَا وَعَی وَ ذَکَرَ المَوتَ وَ البِلَی وَ عَلِمَ أَنَّ الجَنَّۃَ مَحفُوفَۃ بِالمَکَارِہِ وَ النَّارَ مَحفُوفَۃ بِالشَّھَوَاتِ

रहेमल्लाहो मनिस्तहया मिनल्लाहे हक़्क़ल हयाए फ़हफ़ेज़र्रासो वमा हवा वा लबतना वा मावआ वज़करल मौता वल बेला वा अलेमा अन्नल जन्नता महफ़ूफ़तुन बिलमकारेहि वन्नारा महफ़ूफ़तुन बिश्शहवाते[2]

जो व्यक्ति परमेश्वर से शर्म करे ईश्वर उस पर दया करे, बस शीर्ष एवं नेत्रो, कर्णो और ज़बान को पाप से, और पेट को अवैध (हराम) खाने पीने से सुरक्षित रखे, मृत्यु और क़ब्र मे शरीर के गल जाने को याद रखे, और इस बात को जान ले कि स्वर्ग कर्तव्यो एवं दायित्वो की जटिल श्रृंखला और नरक आनंद की जटिल श्रृंखला है।

मानव कल्याण और मानव के विनाश एवं अत्याचार से सुरक्षा के संदर्भ मे ईश्वर दूतो और निर्दोष नेताओ (इमामो) के माध्यम से अधिकांश विशवासनीय पुस्तको मे विस्तृत रूप से बयान किया गया है, अतीत मे जो पढ़ा वह मोतीयो से परिपूर्ण सागर का एक छोटा सा उदाहरण है। रहस्यवादीयो के माध्यम से भी यह बात उपदेशो मे उद्धृत हुई है कि उनके (ईश्वर दूतो तथा निर्दोष नेताओ के) कथनो का संग्रह मानव उपचार करने वाला एक नुस्ख़ा (डाक्टर द्वारा लिखित औषधि) है, स्वास्थय की ओर एक सही पथ, पापो और गंदगियो से बचने का रास्ता है उन हिकमतो के उदाहरण निम्नलिखित पंक्तियो मे अध्ययन करेंगे।       



[1] शिया सामप्रदाय के सातंवे इमाम मूसा काज़िम है।

[2] तोहफ़ुल ओक़ूल, पेज 390, बिहारुल अनवार, भाग 75, पेज 305, अध्याय 25, हदीस 1, मुसतदरकुल वसाएल, भाग 8, पेज 464, अध्याय 93, हदीस 10022

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