Hindi
Thursday 28th of March 2024
1
نفر 0

काबा का इफ़्तेखार और कर्बला की मंज़िलत

अल्लाह ने काबे की निसबत अपनी तरफ़ दी है इसलिये वह उसका घर कहा जाता है हालाँकि यह इज़ाफ़त ऐज़ाज़ी व इज़ाफ़ी है इसलिये कि अल्लाह का कोई मकान नही है और उसे मकान की ज़रूरत भी नही है। लेकिन फिर भी उसने उस इलाक़े को ज़मीन की गहराईयों से लेकर आसमान की बुलंदियों तक के लिये शराफ़त अता की है और उसे अपने नाम से मनसूब किया है।

काबा, अज़मत व शराफ़त की उस मंज़िल पर पहुँच गया कि अल्लाह ने उसको मोहतरम क़रार दिया है और उसकी ज़ियारत करने वालों को हुक्म दिया है कि शहरे मक्का और उस घर में दाख़िले के लिये अपने कपड़ों को उतार कर फेक दो और एहराम (हज के मख़सूस कपड़े) के साथ दुनिया की बहुत सी जायज़ लज़्ज़तों को छोड़ कर इसमें दाख़िल हो जाओ। एक दिन काबे ने दूसरी ज़मीनों से कहा: मैं तुमसे ज़्यादा बेहतर हूँ। इस तरह उसने अपनी बेहतरी का ज़िक्र किया है। हदीस में आया है कि अल्लाह ने काबा से कहा: ख़ामोश हो जाओ, तुम से ज़्यादा बेहतर और बा फ़ज़ीलत कर्बला है[१]

अल्लाह ने काबा को अपना घर क़रार दिया है। लेकिन कर्बला क्या है? कर्बला में क्या ख़ुसूसियत है ? दूसरी ज़मीनों ने कर्बला से कहा: तुम्हारी क्या राय है कर्बला ने कहा: यह ख़ूबी मेरे अल्लाह ने मुझे दी है वर्ना मैं ख़ुद कुछ नही हूँ।

काबा की मैंऔर कर्बला के जवाब का मक़सद ढ़ूढ़ना चाहिये। यह बात इसलिये बयान हुई है कि ताकि मक़ामे अमल में ख़ुद को कुछ नही समझना चाहिये और इस राह में जो भी काम अँजाम दें उसको अल्लाह की इनायत समझना चाहिये।

अगर मजलिस करने में कामयाब होते हैं तो इमाम हुसैन (अ) के लिये काम अँजाम देना चाहिये और इस राह में थकान महसूस नही करनी चाहिये, अज़ादारी मे शिरकत करके कहना चाहिये अल हम्दुलिल्लाह कि अल्लाह ने हमें तौफ़ीक़ दी। अल हम्दुलिल्लाह कि इमाम हुसैन ने हम पर लुत्फ़ किया। अल्लाह की तौफ़ीक़ हुई जो हमने इमाम हुसैन (अ) की राह में यह थकन बर्दाश्त की।



[१] यही मज़मून मतलब के इख़्तेलाफ़ के साथ मुख़तलिफ़ किताबों में ज़िक्र हुआ है जैसे कामिलुज़ ज़ियारात पेज 455 हदीस 690


source : http://alhassanain.com
1
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article


 
user comment

Del
You mean I don't have to pay for epxret advice like this anymore?!
پاسخ
0     0
2013-04-04 23:06:44