आपके नज़दीक कसबे हलाल बेहतरीन सिफ़त थी। जिस पर आप खुद भी अमल पैरा थे। आप रोज़ी कमाने को ऐब नहीं समझते थे और मज़दूरी को बहुत ही अच्छी निगाह से देखते थे। मोहद्दिस देहलवी का ...
हज़रत अली अलैहिस्लाम की दृष्टि में मनुष्य उच्च स्थान और मान व सम्मान का स्वामी होता है और उसे अपने साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जिससे उसके मानवीय स्थान को क्षति ...
पवित्र क़ुरआन के सूरए आले इमरान में आया है कि अलिफ़ लाम मीम, अल्लाह जिसके अतिरिक्त कोई ईश्वर नहीं है और वह सदैव जीवित है और हर वस्तु उसी की कृपा से स्थापित है। उसने आप पर वह ...
हज़रत फातेमा मासूमा (अ.स) हज़रत इमाम सादिक़ (अ.स) की बेटीयो (फातेमा, ज़ैनब और उम्मेकुलसूम) से नकल करती है और इस हदीस की सनद का सिलसिला हज़रत ज़हरा (स.अ) पर खत्म होता हैः حدثتنی ...
करबला के मैदान में दोस्ती, मेहमान नवाज़ी, इकराम व ऐहतेराम, मेहर व मुहब्बत, ईसार व फ़िदाकारी, ग़ैरत व शुजाअत व शहामत का जो दर्स हमें मिलता है वह इस तरह से यकजा कम देखने में आता ...
सूरए आराफ़ की आयत संख्या 31 और 32 में ईश्वर कहता है। हे आदम की संतानो! हर मस्जिद के निकट (उपासना के समय) अपनी शोभा को धारण कर लो और खाओ पियो परंतु अपव्यय न करो कि ईश्वर अपव्यय ...
हबीब इबने मज़ाहिर” का अस्ली नाम “हबीब बिन मज़हर” है। (1) आप एक महान और सम्मानीय क़बीले से संबंधित हैं जिसका नाम इतिहास की पुस्तकों में “बनी असद” बताया गया है, और आप ...
इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम
1 सारे वोट 5.0 / 5
लेख ›
रसुले अकरम व अहले बैत ›
इमामे मोहम्मद तक़ी(अ)
में प्रकाशित
2017-04-06 00:00:00
हिजरी क़मरी कैलेंडर के सातवें ...
सूरे माएदा की आयत संख्या 27 से 31 धरती पर पहले मनुष्य व पहले ईश्वरीय दूत हज़रत आदम और उनके दो बेटों में से एक के दूसरे के हाथों क़त्ल किए जाने की घटना की ओर संकेत करती है। आयत ...
ये वाकिआ 63 हिजरी के ज़िलहिज्जा के महीने मे पेश आया (1)और वाकेआ ऐ हुर्रा के नाम से मशहूर हुआ।(2) करबला के खूनी वाकेऐ के बाद लोग यज़ीद की खबासत और बेदीनी को जान गऐ थे इसलिऐ लोगो ...
क़ुरआन रब की ख़ास इनायत का नाम है।क़ुरआन नज़मो ज़बते शरीयत का नाम है।क़ुरआन एक ज़िंदा हक़ीक़त का नाम है।क़ुरआन ज़िंदगी की ज़रूरत का नाम है।क़ुरआन एक किताबे इलाही जहाँ ...
मामून जो कि इमाम की तरफ़ लोगो की बढ़ती हुई मोहब्बत और लोगों के बीच आपके सम्मान को देख रहा था और आपके इस सम्मान को कम करने और लोगों के प्रेम में ख़लल डालने के लिए उसने बहुत से ...
यहां पर हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.) की वह अहादीस (प्रवचन) जो एक इश्वरवाद, धर्मज्ञान व लज्जा आदि के संदेशो पर आधारित हैं उनमे से मात्र चालिस कथनो का चुनाव करके अपने प्रियः अध्ययन ...
मौजूदा ज़माने का सबसे गर्म विषय एक से ज़्यादा शादियाँ करने का मसला है। जिसे बुनियाद बना कर पच्छिमी दुनिया ने औरतों को इस्लाम के ख़िलाफ़ ख़ूब इस्तेमाल किया है और मुसलमान ...
इस वक्त क़ुरआन करीम ही एक आसमानी किताब है जो इन्सान की दस्तरस में है।नहजुल बलाग़ा में बीस से ज़ियादा ख़ुतबात हैं जिन में क़ुरआने मजीद का तआर्रुफ़ और उस की अहमियत व ...
आज मिले अवसर से लाभ उठाओ, कौन जाने "कल" किसका होगा। जिसकी ज़बान सच्ची होगी, उसका चरित्र पवित्र हो जाएगा। विनम्रता यह है कि अन्य लोगों से भेंट के समय उन्हें सलाम करो और बहस ...
आज पैग़म्बरे इस्लाम के एक पौत्र इमाम हसन असकरी का शहादत दिवस है। आज एक ऐसा अवसर है जिसमें हम इस महापुरूष के जीवन की पुस्तक का एक पृष्ठ खोलकर उनकी विचारधारा और उनकी जीवनशैली ...
नाम व अलक़ाब (उपाधियाँ)हज़रत इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधियाँ हादी व नक़ी हैं। माता पिताआपके पिता हज़रत इमाम मुहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम व आपकी माता ...
तुरबते बेशीर पर कहती थी माँ असग़र उठोकब तलक तन्हाई में सोओगे ऐ दिलबर उठोहै अंधेरा घर में नज़रों में जहाँ तारीक हैकब तलक पिन्हाँ रहोगे ए महे अनवर उठोहम सबों को कै़द करके ...