इस्लाम को लेकर यह गलतफहमी है और फैलाई जाती है कि इस्लाम में औरत को कमतर समझा जाता है। सच्चाई इसके उलट है। हम इस्लाम का अध्ययन करें तो पता चलता है कि इस्लाम ने महिला को चौदह ...
मनुष्य को बनाने वाले ईश्वर ने उसको जो भी आदेश दिये हैं वे निश्चित रूप से मनुष्य के ही हित में होते हैं चाहे विदित रूप से उसमें हमें अपना कोई नुक़सान नज़र आए। रमज़ान के रोज़े ...
दसवीं मुहर्रम को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने युद्ध के समय भी सोई अंतरात्माओं को जगाने का प्रयास किया। उन्होंने ईश्वरीय मार्गदर्शक होने के अपने कर्तव्य की उस दशा में भी ...
कर्बला में दस मुहर्रम को आशूरा की घटना के बाद सबसे पहले जब इंसान ने इमाम हुसैन (अ.) की क़ब्र की ज़ियारत की वह रसूले ख़ुदा के सहाबी (साथी) जाबिर इब्ने अब्दुल्लाह अन्सारी थे।वह ...
पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
हे कुमैल, प्रत्येक वर्ग के कुच्छ लोग दूसरे लोगो से बौद्धिक रूप से ऊपर होते है; बस गिरे हुए मानव के संघ जिराह ...
रसूल(स.) के बाद धर्म के सर्वोच्च अधिकारी का पद अल्लाह ने अहलेबैत को ही दिया। इतिहास का कोई पन्ना अहलेबैत में से किसी को कोई ग़लत क़दम उठाते हुए नहीं दिखाता जो कि धर्म के ...
नाम व अलक़ाब (उपाधियाँ)इमामे सज्जाद अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधि सज्जाद हैं। माता पिताआपके पिता हज़रत इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रते शहरबानो ...
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का परिचयनाम व अलक़ाबहज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का नाम हज़रत पैगम्बर(स.) के नाम पर है। तथा आपकी मुख्य़ उपाधियाँ महदी मऊद, इमामे अस्र, ...
ख़ानदाने नुबुव्वत का यह चाँद अगर एक तरफ़ आबाई फ़ज़ायल व कमालात का मालिक होने की बेना पर फ़ख्रे अरब है तो दूसरी तरफ़ माँ की अज़मत व जलालत की बेना पर अजम के जाह व हशम का मालिक ...
अल्ला हुम्मा कुन ले-वली'य्येकल हुज्जत' इब्निल हसने सलावातोका अ'लय्हे व अ'ला आ'बा-एही फ़ी हाज़े'हिस सा-अ'ते व फ़ी कुल्ले सा-अ'तिन व'लिय्यावं व हाफ़े'जो व क़ा'एदौं व नासे'रों व ...
ऐ गमो अन्दोह मे मेरी पनाहगाह या मफज़ई इन्दा कुरबती يَا مَفْزَعِي عِنْدَ كُرْبَتِيऐ मुश्किलो मे मेरी मदद करने वाले या ग़ौसी इन्दा शिद्दती وَ يَا غَوْثِي عِنْدَ ...
हमने इमाम और इमामत की विशेषताओं के बारे में चर्चा की थी आज भी हम उसी विषय पर चर्चा जारी रखेंगे। कृपया हमारे साथ रहें।
पैग़म्बरे इस्लाम के जीवन का अंतिम समय था उस समय ...
एक नसरानी बूढ़े ने ज़िन्दगी भर मेहनत करके ज़हमतें उठाईं लेकिन ज़ख़ीरे के तौर पर कुछ भी जमा न कर सका, आख़िर में नाबीना भी हो गया। बूढ़ापा, नाबीनाई, और मुफ़लिसी सब एक साथ जमा हो ...
आज पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेहिस्सलाम व सल्लम के एक पौत्र इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम की शहादत का दिन है। इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम २५ रजब १८३ हिजरी ...
किताब कामिलुज़ ज़ियारत (शियों की एक मोतबर किताब) में ज़िक्र हुआ है कि जो लोग भी इमाम हुसैन (अ) के क़त्ल में शरीक थे, इन तीन बीमारियों में से एक में ज़रूर फँसेंगें, दीवानगी, बर्स ...
अबना: उन्नीसवी रात यह शबे क़द्र की पहली रात है और शबे क़द्र के बारे में कहा गया है कि यह वह रात है जो पूरे साल की रातों से अधिक महत्व और फ़ज़ीलत रखती है, और इसमें किया गया अमल ...
जनाबे उम्मुल बनीन हज़रत अब्बास अ.स की माँ थीं कि जो कूफ़ा या उसके आस पास के इलाक़े मे पैदा हुईं। असली नाम आप का असली नाम फ़ातिमा-ए-कलाबिया था। माता पिता जनाबे उम्मुल ...
इमाम सादिक अलैहिस्सलाम''मोमिन का शरफ नमाज़े शब और उसकी इज़्ज़त लोगो का तहफ्फुज़ (हिफाज़त) करना है। इमाम सादिक अलैहिस्सलामगाने से निफाक (मुनाफिकत) और ग़ुरबत पैदा होती ...
शैख़ हसन शहाता जिनको वहाबियों ने निर्मम हत्या करके शहीद कर दिया मिस्र के एक प्रसिद्ध शिया धर्मगुरू थे जिनके वकतव्य में मिस्र के अधिकतर लोग एकत्र होते थे क्योंकि आप अपने ...
इमाम जाफ़रे सादिक़ अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः सबसे अच्छी चीज़ जो बाप अपने बेटों के लिए मीरास के रूप में छोड़ता है वह शिष्टाचार है न कि माल-दौलत, क्योंकि माल-दौलत चला जाता है ...