आले मौहम्मद अलैहेमुस्सलाम जो उरूजे फिक्र मे खास मक़ाम रखते है और इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम उन्ही हज़रात मे की एक कड़ी है। शिया सुन्नी दोनो के उलामा ने लिखा है कि एक दिन ...
बिस्मिल्ला हिर्रहमा निर्रहीम
वह मक़ामात जो हजरत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की तवज्जोह का मरकज़ रहे हैं उनमें से एक मस्जिदे जमकरान भी है। यह मस्जिद चूँकि जमकरान नामक गाँव के ...
हमने बताया था कि सूरए क़सस, पैग़म्बरे इस्लाम के मक्का पलायन करने से पहले उतरा था। इस सूरए में वर्णित कथाओं के दौरान एकेश्वरवाद, प्रलय, पवित्र क़ुरआन के महत्त्व, प्रलय में ...
क़ुरआने मजीद के सूरए बक़रह की आयत नंबर १८३ में कहा गया हैः हे ईमान लाने वालो, रोज़ा तुम पर वाजिब कर दिया गया है जैसाकि तुम से पहले वालों के लिए अनिवार्य किया गया था ताकि तुम ...
माता पिताहज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रत फ़तिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा हैं। आप अपने माता पिता की द्वितीय सन्तान ...
पैग़म्बरे इस्लाम ने एक कथन में युवाओंसे सिफ़ारिश की है कि वे अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण के लिए विवाह करे और अगर यह संभव न हो तो रोज़ा रखें।प्रोफ़ेसर डाक्टर मीर बाक़री रोज़े ...
हम कहाँ से आये है? हमारे आने का मक़सद क्या है? हम कहाँ जा रहे हैं? हमारा अंजाम क्या होगा? हमारी सआदत व ख़ुश बख़्ती किय चीज़ में है? उसे किस तरह हासिल किया जा सकता है?यह और इस तरह ...
इस्लाम में पर्यावरण से जुड़ी नैतिकता का ध्रुव ईश्वर है क्योंकि यह एकेश्वरवादी विचारधारा से प्रेरित है। इस विचारधारा में पूरी दुनिया का ध्रुव ईश्वर है, उसी ने पूरे ...
मानवता के इतिहास में कोई ऐसी किताब नही मिलती जिसकी रक्षा और व्याख्या के लिए क़ुरआन के समान अत्याधिक प्रबन्ध किये गये होँ।क़ुरआन और उलूमे क़ुरआन के परिचय के लिए इस्लाम के ...
हम मुस्लमान अक्सर बहाने बनाते है की हमारे पास कुरआन मजीद का तर्जुमा पढने का टाइम नही है। हम अपने रोज़-मर्रा के कामों मे मसरुफ़ है, अपनी पढाई मे, अपने कारोबार मे, वगैरह वगैरह। ...
इमाम काज़िम अलैहिस्सलाम के ज़माने मे नेशापुर के शियो ने मौहम्मद बिन अली नेशापुरी नामी शख़्स कि जो अबुजाफर खुरासानी के नाम से मशहूर था, को कुछ शरई रकम और तोहफे साँतवे इमाम ...
इस्लाम और सिक्योलरिज़्म आज की दुनिया के दो महत्वपूर्ण दृष्टिकोण (नज़रियात) हैं और इन्हीं की वजह से आज दुनिया दो गुरूप में विभाजित है।इनमें से एक इस्लामी दृष्टिकोण है और ...
ईरान में सुन्नी मुसलमानों के एक वरिष्ठ धर्मगुरू ने कहा है कि सऊदी अरब ने विश्व की साम्राज्यवादी ताक़तों की इच्छा पर ईरानी तीर्थयात्रियों के ख़िलाफ़ षड्यंत्र करते हुए हज ...
इमाम मुहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम का जन्म दस रजब सन १९५ हिजरी क़मरी को मदीना नगर में हुआ था। ज्ञान, शालीनता, वाकपटुता तथा अन्य मानवीय गुणों के कारण उनका व्यक्तित्व अन्य लोगों ...
आज हम लोग रमज़ान के मुबारक महीने मे एक दीनी कर्तव्य समझ कर रोज़े रखते हैं जो सही भी है लेकिन दीनी कर्तव्य और सवाब के अलावा भी रोज़े के बहुत से फ़ायदे हैं जिनमे से कुछ फ़ायदे ...
सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
बहुत संभव है कि किसी के दिमाग़ में यह प्रश्न उठे कि आख़िर क्यों चेहलुम के दिन इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़ियारत को इतना अधिक महत्व दिया गया ...
इमाम अली इब्ने हुसैन अलैहिमुस्सलाम, ज़ैनुल आबेदीन और सज्जाद के नाम से मशहूर हैं और मशहूर रेवायत के अनुसार आपका जन्म वर्ष 38 हिजरी में शाबान के महीने में मदीना शहर में हुआ। ...
इस्लाम की निगाह में सब इंसान बराबर हैं और कोई क़ौम या क़बीला तथा कोई रंग व नस्ल एक दूसरे पर वरीयता नहीं रखता और धन दौलत या ग़रीबी, बड़ाई या श्रेष्ठता का आधार नहीं है बल्कि ...
इमाम अली नक़ी (अ.) ने इस्लामी अहकाम के प्रसारण व प्रकाशन और जाफ़री मज़हब के प्रचार के लिए महत्वपूर्ण क़दम उठाये। और हमेशा लोगों को धार्मिक तथ्यों से अवगत करने में ...
चूँकि हज़रत इमाम महदी (अज्जल अल्लाहु तआला फरजहु शरीफ) का जन्म बहुत ही गुप्त रूप से हुआ था, इस वजह से यह डर था कि शिया आखरी इमाम की पहचान में ग़लत फ़हमी या भटकाव का शिकार हो ...