Hindi
Wednesday 24th of April 2024
0
نفر 0

नमाज़े जमाअत की फ़ज़ीलत

नमाज़े जमाअत की फ़ज़ीलत

एक नमाज़े जमाअत घर में पढ़ी जाने .......से बेहतर है।


रसूले इस्लाम स.अ ने फ़रमायाः
صَلاةُ الرَّجُلِ فِي جَمَاعَةٍ خَيْرٌ مِنْ صَلاتِهِ فِي بَيْتِهِ أرْبَعِينَ سَنَةً.
एक नमाज़े जमाअत घर में पढ़ी जाने वाली 40 साल की फ़ुरादा नमाज़ से बेहतर है।
(मुस्तदरकुल वसाएल ज 6 पेज 446)

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

दीन क्या है?
सूर –ए- तौबा की तफसीर 2
क़यामत पर आस्था का महत्व
उलूमे क़ुरआन का इतिहास
क़ुरआने मजीद और अख़लाक़ी तरबीयत
दर्द नाक हादसों का फ़लसफ़ा
सिरात व मिज़ान
बक़रीद के महीने के मुख्तसर आमाल
क़ानूनी ख़ला का वुजूद नही है
शिया मुफ़स्सेरीन और उनके ...

 
user comment