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Friday 29th of March 2024
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इमाम हसन अ.ह की महानता रसूले इस्लाम स.अ की ज़बानी।

अबनाः हदीसों की किताबों में इब्ने अब्बास के हवाले से बयान हुआ है कि रसूले इस्लाम स.अ. इमाम हसन अलैहिस्सलाम को अपने कांधे पर सवार किए हुए कहीं ले जा रहे थे किसी ने कहा अरे बेटा तुम्हारी सवारी कितनी अच्छी है? रसूले इस्लाम स.अ. ने फ़रमाया यह क्यों नहीं कहते कि सवार कितना अच्छा है?
हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम रसूले इस्लाम के नवासे से और उनके फूल हैं। आप संयम, सब्र, सहनशीलता और दान देने में रसूल का दूसरा रूप थे। रसूले इस्लाम स. आपसे बहुत ज्यादा मुहब्बत करते थे आपकी मोहब्बत मुसलमानों के बीच मशहूर थी किताबों में रसूले इस्लाम स. के निकट इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के महत्व व स्थान के बारे में बहुत कुछ बयान हुआ है इसलिए हम कुछ हदीसें यहां पेश कर रहे हैं।

हज़रत आएशा से रिवायत है कि रसूले इस्लाम स.अ. ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को गोद में लिया और उनको अपने सीने से चिमटाते हुए कहा है ऐ मेरे खुदा यह मेरा बेटा है मैं इससे मोहब्बत करता हूं और जो इससे मोहब्बत करे मैं उससे मोहब्बत करूंगा।
बर्रा इब्ने आजिब ने बयान किया है मैंने रसूले इस्लाम स. को देखा कि आप अपने कंधों पर इमाम हसन अ. और इमाम हुसैन अ. को सवार किए हुए फरमा रहे हैं ऐ मेरे अल्लाह मैं इनसे मोहब्बत करता हूं और तू भी उनसे मोहब्बत कर इब्ने अब्बास ने भी बयान किया है।
जो जन्नत के जवानों के सरदार को देखना चाहता है वह हसन की ज़ियारत करे।
रसूले इस्लाम ने फरमाया हसन दुनिया में मेरे फूल हैं।

अनस इब्ने मालिक ने बयान किया है कि इमाम हसन अ. रसूले इस्लाम स. की सेवा में आए मैंने उनको रसूल से दूर रखने की कोशिश की तो रसूले इस्लाम स. ने कहा है धिक्कार हो तुम पर मेरे प्यारे बेटे और मेरे जिगर के टुकड़े को छोड़ दो। बेशक जिसने उसको परेशान किया उसने मुझे परेशान किया और जिसने मुझे परेशान किया उसने अल्लाह को परेशान किया।
हजरत रसूले अकरम इशा की नमाज पढ़ रहे थे आपने एक सजदे को बहुत देर तक अंजाम दिया जब आपने सलाम भेजा तो लोगों ने आपसे इस बारे में सवाल किया तो आपने फ़रमाया यह मेरा बेटा हसन जो मेरी पीठ पर सवार हो गया था और मैंने उसको अपनी पीठ से जल्दी उतारने में कराहत महसूस की।
अब्दुल्लाह इब्ने अब्दुर रहमान ने बयान किया है इमाम हसन अलैहिस्सलाम नबी के परिवार में सबसे ज्यादा उनसे नज़दीक थे और वह इमाम हसन अ. से सबसे ज्यादा मोहब्बत करते थे उन्होंने कहा मैंने देखा कि रसूले इस्लाम सजदे में थे तो इमाम हुसैन उनकी गर्दन यह उनकी पीठ पर सवार हो गए और आपने इमाम हुसैन को उस समय तक अपनी पीठ से नहीं उतारा जब तक वह खुद पीठ से नहीं होते गए और मैंने यह भी देखा कि जब आप रूकू करते थे तो अपने दोनों पैरों को इतना फैला देते थे इस इमाम हसन एक तरफ से दूसरी तरफ निकल जाए।


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