Hindi
Friday 29th of March 2024
0
نفر 0

हज़रत अली (अ.स.) की नज़र में हज़रते ज़हरा

हज़रत अली (अ.स.) की नज़र में हज़रते ज़हरा



शादी के अगले दिन जब पैगंबर ने अली (अ.स.) से पूछा:ऐ अली तुमने मेरी बेटी जहरा को कैसा पाया? इमाम ने जवाब दिया, फातिमा अल्लाह की इताअत में सबसे अच्छी मददगार हैं।


अमीरुल-मोमनीन(अ.स.)फ़रमाते हैं: फातिमा कभी भी मुझसे नाराज़ नहीं हुईं और न मुझको नाराज़ किया।


जब भी मै उनके चेहरे पर नज़र करता हूं मेरे सभी दुख सुलझ जाते हैं और सारी तकलीफ़ें दूर हो जाती हैं।


न उन्हों ने कभी मुझे क्रोधित किया और न कभी मैने उनको रसूल्लाह स.व. फ़रमाते हैं अगर अली न होते तो फ़ातिमा के कोई बराबर न होता।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

सुन्नियों की पुस्तकें और फ़ातेमा ...
इमाम हसन अ स की हदीसे
पैग़म्बर स.अ. की भविष्यवाणी।
खाना खाने से पहले और बाद में हाथ ...
इमाम तक़ी अ.स. का एक मुनाज़ेरा
इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम का ...
इमाम हुसैन(अ)का अंतिम निर्णय
हज़रत अली की वसीयत
हक़ निभाना मेरे हुसैन का है,
इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम की ...

 
user comment