Hindi
Friday 29th of March 2024
0
نفر 0

बाप

बाप



दिन ढले जब करके मज़दूरी 'रज़ा' आता है बाप।

देख के हँसते हुए बच्चों को सुख पाता है बाप।।

 

सामने आँखों के जिस बेटे के मर जाता है बाप।

लम्हा लम्हा ज़िन्दगी भर उसको याद आता है बाप।।

 

जाने कितने ख़्वाब करते हैं सफ़र बच्चों के साथ।

घर से पहली बार जब स्कूल ले जाता है बाप।।

 

उम्र भर रहती है उस बेटे के दिल में एक ख़लिश।

जब तरक़्क़ी देखने से पहले मर जाता है बाप।।

 

थाम कर ऊँगली जिसे चलना सिखाया मुद्दतों।

एक दिन उसके सहारे को तरस जाता है बाप।।

 

जब नुमाया कामयाबी चूमे बेटे के क़दम।

नज़्र दिलवाती है माँ सजदे में गिर जाता है बाप।।

 

ज़िन्दगी भर चलता रहता है मशीनों की तरह।

मौत की गोदी में एक दिन थक के सो जाता है बाप।।

 

रोते रोते बस यही कहता है वो हाय हुसैन।

जब कभी अपने जवाँ बेटे को दफनाता है बाप।।

 

कोई उन बच्चों से पूछे क्या है शादी का मज़ा।

ब्याह की तारीख़ रख के जिनकी मर जाता है बाप।।

 

रोज़-ए-आशूरा बना देती है है माँ सक़्क़ा हमें।

एक छोटा सा उठाने को अलम लाता है बाप।।

 

रो के ज़ैनब ने कहा बाबा भरा घर लुट गया।

उसको जब शाम-ए-गरीबाँ में नज़र आता है बाप।।

 

क्या कहूँगा हाल-ए-असग़र पूछ बैठे जो रबाब।

आगे जाता है कभी पीछे पलट आता है बाप।।

 

मांगने आती है जब दरबार में बाग़-ए-फ़िदक।

ग़मज़दा बेटी को जाने कितना याद आता है बाप।।

 

होने ही वाली है इस शाम-ए-गरीबाँ की सहर।

बाज़ुओं को चूम कर बेटी को समझाता है बाप।।

 

क़ैदखाने में हुआ कोहराम बच्ची मर गई।

ख़्वाब में एक शब् सकीना को नज़र आता है बाप।।

 

ये अजादारों का सदक़ा है जो बरज़ख़् में 'रज़ा'।

मजलिसों में रोते हम हैं और जज़ा पाता है बाप।।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

अब कभी हज़रत मोहम्मद के कार्टून ...
पापो के बुरे प्रभाव 5
ईरान के विरुद्ध अमरीका की जासूसी ...
वरिष्ठ कमांडर मुस्तफ़ा ...
क़ुरआन तथा पश्चाताप जैसी महान ...
दावत नमाज़ की
सीरियाई सेना की कामयाबियों का ...
मुसाफ़िर के रोज़ों के अहकाम
चिकित्सक 2
इस्लाम में पड़ोसी अधिकार

 
user comment