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Friday 19th of April 2024
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अशीष का सही स्थान पर खर्च करने का इनाम 1

अशीष का सही स्थान पर खर्च करने का इनाम 1

लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान

किताब का नाम: पश्चताप दया की आलंगन

 

जिन पुरूषो और महिलाओ के ह्रदय सच्ची आस्था से अलंकृत, आत्मा करूपता से मुक्त, शरीर अच्छे कर्मो से जुडा हुआ, और ज़बान से हक बात कहते है, धन को दान मे देते है, दया, कृपा और उदारता तथा क़दमो को लोगो की सेवा करने हेतु उठाते है ऐसे व्यक्तियो के लिए पवित्र क़ुरआन ने इनाम (अज्र व सवाब), स्वर्ग, आनंद, सदा सुखी रहने को वचन दिया है।

पवित्र क़ुरआन अपने उज्जवल छंदो मे घोषणा कर रहा है कि आस्था रखने वालो का पुरुस्कार तथा पुण्य के कार्य करने वालो का वेतन नष्ट नही होगा।

ईश्वरीय पुस्तक अभिव्यक्तिपूर्ण रुप से बयान कर रही है कि परमात्मा का वादा सच्चा है, और इस वादे मे किसी प्रकार का कोई कपट नही है।

पवित्र क़ुरआन आस्था रखने एंव अच्छे कर्म वालो, दूसरो शब्दो मे विश्वासीयो, परोपकारियो, सुधारको, मुत्तक़ीन और मुजाहिदीन के लिए कई प्रकार के पुरुस्कार (इनाम) बयान करता है।

अज्रे अज़ीम – अज्रे कबीर – अज्रे करीम – अज्रे ग़ैयरे ममनून – अज्रे हसन

وَعَدَ اللّهُ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الْصَّالِحَاتِ لَهُم مَغْفِرَةٌ وَأَجْرٌ عَظِيمٌ 

वाअदल लाहुल्लज़ीना आमनू व अमिलुस्सालिहाति लहुम मग़फ़िरतुन व अजरुन अज़ीम[१]

जो लोग इमान लाए और पुण्य काम किये परमात्मा ने उनको क्षमा करने तथा बड़ा इनाम देने का वचन दिया है।

जारी



[१] सुरए मायदा 5, छंद 9

 

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